FASCINATION ABOUT वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

Fascination About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

Fascination About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

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वशीकरण को नैतिक रूप से सही नहीं माना जाता है. किसी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध नियंत्रित करने का प्रयास करना गलत है. यह व्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है.

ये एक आसान सर्वजन वशीकरण मंत्र साधना है जिसके प्रयोग से आप सामने वाले को अपने आकर्षण में ला सकते है.

स्थान चुनें: वशीकरण मंत्र का उच्चारण करने के लिए शांतिपूर्वक और शुद्ध स्थान चुनें। एक ध्यान मंदिर या अपने पूजा स्थल का उपयोग कर सकते हैं।

विधि: शनिवार की रात्रि में इस मन्त्र का एक सौ एक जप करें। मन्त्रजप के समय घी का दीपक जलता रहे। गुग्गुल की धूनी दें तथा पुष्प और मिठाई प्रसाद के रूप में चढ़ाएं। फिर उस मिठाई को मन्त्र से अभिषिक्त करके जिसे भी खिला देंगे, वह वशीभूत होकर कहना मानने पर बाध्य हो जाएगा।

मंत्र का उच्चारण: मंत्र को स्पष्ट ध्यान और श्रद्धा के साथ उच्चारण करें। एक विशेष आवाज में मंत्र का उच्चारण करें और ध्यान दें कि आपकी इच्छा पूरी हो रही है।

इस तरीके में, आपको सम्बंधित व्यक्ति के नजीवन में नियमित रूप से उच्चारण करने की आवश्यकता होती है। आपको एक शांतिपूर्वक और ध्यान में रहते हुए मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। व्यक्तिगत वशीकरण का उपयोग करने से पहले, आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके उद्देश्य नैतिक और न्यायसंगत हैं और किसी अन्य व्यक्ति को हानि नहीं पहुंचा रहे हैं।

ईन्ना आत्वैना शैताना मेरी शिकल बन फलानी के पास जाना, उसे मेरे पास लाना, न लावे तो तेरी बहन भानजी पर तीन सौ तलक।

वशीकरण मंत्र का उपयोग करने से आप किसी को अपनी आज्ञाकारी शक्ति के तहत ला सकते हैं। यह उन विशेष तत्वों को जगाने का click here कार्य करता है जो व्यक्ति को आपकी आज्ञाएं मानने और कार्य करने में प्रेरित कर सकते हैं।

विधिः एक छोटी इलायची पर इस मन्त्र का दल माला जप करें और इस अभिमन्त्रित इलायची को अभीष्ट स्त्री को खिला दें। इससे उसका वशीकरण हो जाएगा। फिर वह आपकी हरेक बात मानने को बाध्य होगी। मन्त्र में अमुकी की जगह उस स्त्री का नाम बोलना आवश्यक है।

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (अमुक) मम वश्यं करु करु स्वाहा॥

आप पाने व्यवहार से किसी को भी अपना बना सकते है। जहां व्यवहार कार्य नहीं करता वहां तंत्र कार्य कर सकता है।

ॐ नमो प‌द्मिनी अंजन मेरा नाम इस नगरी में जाय मोहूं। सर्वग्राम मोहूं राज करंता रामो हूं। फर्श में बैठाय मोहूं पनिघट पनिहारिनी मोहूं। इस नगरी के छत्तीस पवनिया मोहूं। जो कोई मार मार करतं आवे उसे नरसिंह वीरणामपद अंगूठा तर धरे और घेर लावे। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।

साधक का जो तेज इस साधना के दौरान बनता है वह सब पर अलग प्रभाव छोड़ता है. आइये जानते है मोहिनी वशीकरण साधना के बारे में.

पान पढ़ि खिलावे, त्रिया जोरि बिसरावे, क्षीरे त्रिया तोरा साथ नहि जावे, नाग वो नागिन फेन काढ़े, तोर मुख न हित जाए वो, रे नागा, दोहाई गुरु नानक शाही का, दोहाई डाकिन का।

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